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बस्सी

राजनीति : विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे के विरोधी रहे, अब लोकसभा चुनाव में साथ करेंगे प्रचार

कांग्रेस में बड़े पदों पर रहे नेता अब भाजपा में शामिल

बस्सीMar 28, 2024 / 04:32 pm

vinod sharma

राजनीति : विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे के विरोधी रहे, अब लोकसभा चुनाव में साथ करेंगे प्रचार

राजनीति : विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे के विरोधी रहे, अब लोकसभा चुनाव में साथ करेंगे प्रचार

यह कहावत सत्य है कि राजनीति में कोई किसी का स्थायी मित्र व दुश्मन नहीं होता है। यह कहावत कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र में चरितार्थ हो रही है जहां हाल ही में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में एक दूसरे के विरोधी रहे कांग्रेस, भाजपा व निर्दलीय उम्मीदवार अब एक साथ होकर भाजपा के पक्ष में प्रचार करेंगे। यही नहीं लोकसभा चुनाव में जयपुर ग्रामीण संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस व भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले दोनों उम्मीदवार भी एक ही दल के सदस्य हो गए। अब तक भाजपा की आलोचना करनेे से नहीं थकने वाले नेता अब भाजपा के पक्ष में प्रचार करेंगे। कोटपूतली विधानसभा सीट पर भाजपा के टिकट पर हंसराज पटेल व कांग्रेस के टिकट पर दो बार विधायक रहे पूर्व मंत्री राजेन्द्र यादव ने चुनाव लड़ा था। इसके अलावा टिकट नहीं मिलने से खिन्न होकर भाजपा नेता मुकेश गोयल ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ा। इसमें भाजपा के हंसराज कांग्रेस के राजेन्द्र यादव से मामूली अन्तर से विजयी रहे। वहीं निर्दलीय मुकेश गोयल तीसरे स्थान पर रहे थे। कांग्रेस के पूर्व मंत्री व विधायक रहे राजेन्द्र यादव गत दिनों प्रधान नेहा गुर्जर, नगर परिषद सभापति पुष्पा सैनी के साथ भाजपा में शामिल हो गए। वहीं मुकेश गोयल भी शनिवार को समर्थकों के साथ जयपुर में भाजपा परिवार में फिर से शामिल हो गए। विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे का विरोध करने वाले तीनों नेता अब लोकसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष मेंजोर शोर से चुनाव प्रचार करते नजर आएंगे।

कांग्रेस व भाजपा ने घोषित किए उम्मीदवार….
जयपुर ग्रामीण ससंदीय क्षेत्र से भाजपा ने पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष व शाहपुरा से विधायक रहे राव राजेन्द्र सिंह को टिकट दिया है। जबकि कांग्रेस ने अनिल चौपड़ा को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा प्रत्याशी राव राजेन्द्र सिंह परिसीमन के बाद बनी जयपुर ग्रामीण सीट से पहली बार 2009 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में कांग्रेस ने लालचंद कटारिया को चुनाव मैदान में उतारा था। जो विजयी रहे थे।
राजनीति : विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे के विरोधी रहे, अब लोकसभा चुनाव में साथ करेंगे प्रचार
बड़ा चुनाव काम अधिक….
लोकसभा चुनाव में आठ विधानसभा क्षेत्र सम्मिलित है। प्रत्याशियों को भी विधानसभा चुनाव से कई गुणा अधिक भागदौड़ करनी पड़ती है। वहीं प्रशासन को भी माकूल इंतजाम करने हैं। कम समय में प्रचार-प्रसार व बूथ लेवल पर टीम तैयार करना मुश्किल होगा। आपसी खींचतान के कारण कई जगह प्रत्याशी को पार्टी कार्यकर्ताओं या गुट विशेष का सहयोग नहीं मिलता है। ऐसे में उसे खुद की टीम तैयार करनी पड़ती है।
प्रचार के लिए मिलेगा कम समय….
प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया। लेकिन टिकट में देरी के चलते प्रत्याशियों को प्रचार के लिए समय कम मिलेगा। जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में 19 अप्रेल को मतदान होना है। प्रत्याशियों का करीब 25 दिन ही प्रचार का समय मिल पाएगा। इस लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र हैं, ऐसे में प्रत्येक गांवों तक पहुंचना भी मुश्किल हो सकता है।
कांग्रेस ने हर बार बदला चेहरा….
जयपुर ग्रामीण संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस ने चौथी बार नए चेहरे को टिकट दिया है। संसदीय क्षेत्र का 2008 में परिसीमन के बाद जयपुर ग्रामीण सीट अस्तित्व में आई थी। इसके बाद लोकसभा के चार चुनाव हुए हैं। इन सभी चुनाव में कांग्रेस ने अलग-अलग चेहरों को टिकट दिया है। वर्ष 2009 के चुनाव में कांग्रेस के लालचंद कटारिया इस सीट से विजयी रहे थे। इनके सामने भाजपा के राव राजेन्द्र सिंह को टिकट मिला था। इसके बाद 2014 के चुनाव में कांग्रेस के सीपी जोशी व 2019 के चुनाव में कृष्णा पूनिया कांग्रेस की उम्मीदवार रही थी। इन दोनों चुनाव में भाजपा के कर्नल राज्यवर्द्धन सांसद निर्वाचित हुए थे। कांग्रेस ने इस बार भी नए चेेहरे अनिल चौपड़ा को मैदान में उतरा है।

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